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मौसम विभाग

मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त मात्रा में होगी बारिश, धान की खेती का बढ़ा रकबा

मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त मात्रा में होगी बारिश, धान की खेती का बढ़ा रकबा

मौसम विभाग के अनुसार इस बार बारिश पिछले बीते हुए सालो की अपेक्षा ज्यादा होगी. इस बार बारिश की कमी के कारण सुखा नही पड़ेगा, न ही पानी के कमी के कारण फसलों का नुकसान होगा. इस बात से किसान बहुत खुश है. क्योंकि बारिश होने से फसल अच्छी होगी. जिसको देखते हुए खरीफ फसल के धन का रकबा बढ़ा दिया गया है. धान की खेती के लिए किसान तेजी से जुटे है. कुछ किसान धान की नर्सरी डाल चुके है वही कुछ किसान नर्सरी जल्द ही डालने वाले है. कृषि विभाग के अनुसार पहले धान की खेती के लिए 35 हजार हेक्टेयर निर्धारित किया गया था. परंतु मानसून को देखते हुए और मौसम विभाग के अनुमान की इस बार बारिश भरपूर होगी, इसकी वजह से 20 हजार हेक्टेयर रकबा बढ़ा दिया गया है. जिस वजह से अब 55 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होगी. जिसके लिए 700 क्विटल बीज सरकारी बीज भंडार से बांटा जा चुका है. 200 क्विटल ढैंचा का बीट खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए बीज भंडार से किसानों को बांटा जा चुका है. पैदावार को बढ़ाने के लिए ढैंचा की बुआई की जाती है. किसान इस बार जी जान से लगे है की पैदावार अच्छी हो क्योंकि बीते वर्ष के मुताबिक इस साल गेहूं की पदावर कम हुई है.
जानें क्या रहेगा आने वाले पांच दिनों में मथुरा का मौसम, क्या सावधानी बरतें किसान

जानें क्या रहेगा आने वाले पांच दिनों में मथुरा का मौसम, क्या सावधानी बरतें किसान

भारतीय मौसम विभाग से प्राप्त मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार मथुरा में अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाये रहेंगे और बारिश की कोई सम्भावना नहीं है। अधिकतम तापमान ३२ - ३६ और न्यूनतम तापमान २४ - २६ डिग्री सेल्सियस के बीच है। सापेक्षिक आद्रता (relative humidity) अधिकतम और न्यूनतम सीमा ६६-७७ और ३६-४२% के बीच है। हवा की दिशा उत्तर से पश्चिम और हवाओं की गति ६ - १३ किमी प्रति घंटे चलने की सम्भावना है। हालाँकि कुछ दिन पूर्व, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अत्यधिक बारिश के चलते किसानों की पूरी फसल को ही जलमग्न कर दिया, जिससे किसानों को बहुत हानि हुई है। इस सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने किसानों को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिसमें उन्होंने कहा कि अत्यधिक जलभराव की हालत में किसान मेड़ काटकर पानी को अन्य किसी रास्ते से बाहर निकाल दें।

कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने किसानों के लिए कुछ सलाहें दीं

खरीफ की परिपक़्व फसलों की कटाई एवं मड़ाई के लिए मौसम अनुकूल है तथा खाली खेतों में, रबी की बोई जाने वाली फसलें जैसे - तोरिया, आलू, चना, मटर और मसूर आदि की बुवाई के लिए खेतों की तैयारी करें।

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हवा की विपरीत दिशा में खड़े होकर कीटनाशकों, रोगनाशी और खरपतवार नाशकों का स्प्रे न करें। छिड़काव शाम को ही किया जाना चाहिए, साथ ही एतिहात बरतते हुए हाथों को अच्छी तरह धोना अति आवश्यक है।

पशुओं से सम्बंधित क्या सलाह दी गयी है ?

पशुओं से सम्बंधित यह सलाह दी गयी है कि किसान, गर्भवती गायों एवं भैंसों को ढलान वाले स्थान पर न बांधें। साथ ही उनको पौष्टिक चारा एवं दाना खिलाएं तथा नवजात बच्चे को तीन दिन तक खिस अवश्य पिलायें। पशुओं को साफ़ सुधरे स्थान पर रखें व मक्खी और मच्छरों से उनका बचाव करें। आजकल लम्पी स्किन डिजीज जैसे संक्रामक रोग पशुओं को अपनी चपेट में ले रहें हैं, इस वजह से किसान व पशुपालकों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

बागवानी के सन्दर्भ में क्या-क्या मुख्य सलाह दी हैं ?

आलू की अगेती किस्म कुफरी अशोका, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी जवाहर आदि की बुवाई के लिए खाद एवं बीज की व्यवस्था करें तथा बुवाई का कार्य करें।

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पत्तागोभी एवं फूलगोभी की नर्सरी डालें तथा तैयार पौध की रोपाई करें। सब्जी, मटर, मूली, शलजम, पालक, सोया एवं मेंथी की बुवाई प्रारम्भ करें। आम में पत्ती काटने वाले कीट की रोकथाम हेतु २ % कार्बरिल १.५ % धूल का बुरकाव करें।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम, क्या सावधानी बरतें किसान

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम, क्या सावधानी बरतें किसान

उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि कई राज्यों में बीते दिनों बारिश ने खूब कोहराम मचा के रखा हुआ है। किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गयी है। भारतीय मौसम विभाग के द्वारा दी गयी मौसम की पूर्वानुमान जानकारी के हिसाब से अगले पांच दिनों तक बादल साफ़ होने की वजह से बारिश न होने की सम्भावना है। मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम और न्यूनतम तापमान ३० - ३२ और २० - २१ डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा एवं सापेक्षिक आर्द्रता अधिकतम ५०-५४ एवं न्यूनतम २३-२९ % के बीच है। हवा की दिशा उत्तर पश्चिम, दक्षिण पश्चिम, दक्षिण पूर्व और हवाओं की गति ५.० - ९.० किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने की सम्भावना है।


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मौसम विभाग द्वारा दी गयी किसानों को सलाह

भारतीय मौसम विभाग द्वारा किसानों को महत्वपूर्ण सलाहें दी गयी हैं कि किसान अपनी धान, मक्का, तिल, मूंगफली आदि की परिपक्व फसलों की कटाई/मड़ाई के कार्य के लिए मौसम अनुकूल है तथा विगत सप्ताह हुई अत्यधिक बारिश के जल के निकास का उचित प्रबंध करें। यदि कटी हुई फसल बरसात में भीग गयी है, तो उसे धूप में अच्छी तरह सुखाकर मड़ाई का कार्य करें। सरसों, चना, मटर व आलू आदि की बुवाई के लिए मौसम अनुकूल है। रबी के मौसम में बोई जाने वाली फसलें जैसे चना, मटर, मसूर, सरसों व अलसी आदि की बुवाई बीजोपचार करने के उपरांत ही करें। किसान अपने जानवरों को बहते हुए पानी के समीप से नहीं गुजरने दें।

मौसम विभाग ने फसल सम्बंधित सलाह भी दी

धान की फसल पकते समय खेत से पानी निकाल दें। जब बालियां ८५ % सुनहरे रंग दिखाई देने लगे तो फसलों की कटाई करें एवं कटाई के बाद लॉक को धूप में सुखा कर मड़ाई का कार्य साफ मौसम पर करें। वर्तमान मौसम कीटों के लिए अनुकूल है, अतः धान की फसल में फूल आने के बाद औसतन २-३ गन्दी कीट दिखाई दे तो इसके नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोरोप्रिड १७.८ % एस एल की ३५० मिली/हेक्टेयर या बुरफोजिन २५% एस पी ७५० मिली/हेक्टेयर की दर से ५०० से ६०० लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव साफ मौसम में करें। सरसों की फसल के सम्बन्ध में मौसम विभाग ने कहा है कि राई/सरसों की संतुति प्रजातियां -बरुणा, रोहिणी, नरेंद्र राई -८५०१, माया, वैभव आदि में से किसी एक प्रजाति की बुवाई के लिए ३-४ किलोग्राम बीज/हेक्टेयर की दर से बुवाई का कार्य करें।


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मौसम विभाग ने पशु सम्बंधित ये सलाहें दी है

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे गर्भवती भैंसों व गायों को ढलान वाले स्थान पर न बांधें। गर्भवती पशुओं को पौष्टिक चारा एवं दाना खिलायें तथा नवजात बच्चे को तीन दिन तक खीश अवश्य पिलायें। पशुओं को साफ सुधरे स्थान पर रखें तथा पशुओं को डांस मक्खी मच्छर से बचाएं। पशुओं को हरे और सूखे चारे के साथ पर्याप्त मात्रा में अनाज दें।
भारत के इन हिस्सों में होने वाली है बारिश, IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है

भारत के इन हिस्सों में होने वाली है बारिश, IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है

मौसम विभाग का कहना है, कि ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बरसात होगी। विशेषज्ञों के अनुसार तो यह बरसात किसानों के लिए अत्यंत फायदेमंद होगी। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला चल रहा है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से ओडिशा के विभिन्न क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक 24 घंटों के दौरान पूर्वी राज्य में भारी से बहुत तेज बरसात हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो यह बारिश किसान भाइयों के लिए काफी फायदेमंद है।

किसानों को इस वर्षा से क्या फायदा होगा

मौसम विभाग की ओर से कोरापुट, नबरंगनगर और मलकानगिरी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जहां 24 घंटों के दौरान एक अथवा दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बरसात होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक, विगत कुछ घंटों के दौरान ओडिशा के गंजम जनपद में 142.4 मिलीमीटर वर्षा हुई है। वहीं, मयूरभंज में 132 मिलीमीटर बरसात हुई है। मौसम विशेषज्ञों ने तीन दिनों में राज्य में व्यापक वर्षा होने की संभावना व्यक्त की है। जानकारों की मानें तो बारिश से किसानों को काफी फायदा होगा। प्रदेश में विगत कुछ दिनों से भारी बारिश के उपरांत बारिश का प्रतिशत कम हुआ है। उम्मीद है, कि अगले तीन दिनों में व्यापक वर्षा से किसानों को फायदा होगा। ये भी पढ़े: मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना

इसके अतिरिक्त मौसम विभाग ने 9 सितंबर तक भारत के विभिन्न अन्य क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की है। आईएमडी (IMD) ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है, कि विदर्भ के कुछ भागों में 6 सितंबर को भारी से बहुत भारी बारिश और 7-9 सितंबर तक भारी बारिश होने की संभावना है। साथ ही, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गांगेय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, पुडुचेरी, यनम के कुछ क्षेत्रों में आज बारिश की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया

भारत में आज मौसम का मिजाज कुछ बदला हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, बहुत सारे राज्यों में आज बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद शीतलता का एहसास होगा। वहीं, केरल और तमिलनाडु में भी आने वाले दो दिनों तक भारी बारिश का अंदाजा है। नवरात्रि के दौरान दिल्ली-यूपी समेत अन्य राज्यों में भी मौसम ने तासीर बदल दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश की आशंका जताई गई है। वहीं, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। केदारनाथ धाम में बीते रविवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई। जबकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मुजफ्फराबाद में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हल्की बारिश होगी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी बारिश की संभावना है। इसके अतिरिक्त राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश होगी। वहीं, कोकण, गोवा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, महाराष्ट्र, बिहार समेत पं बंगाल और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है।

आगामी 24 घंटों में मौसम कैसा रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश के साथ छिटपुट ओलावृष्टि संभव है। वहीं, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अतिरिक्त उत्तरी मध्य प्रदेश, दक्षिणी कोंकण एवं गोवा और रायलसीमा में हल्की बारिश की संभावना है।

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दिल्ली में आज मौसम कैसा रहने वाला है

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बारिश हो सकती है, जिसके चलते अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है। इसके बाद ठंड का भी एहसास होगा।

यूपी में मौसम का क्या मिजाज रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार 17-18 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के लगभग 50 जिलों में गरज और चमक के साथ बूंदाबांदी से हल्की बारिश की आशंका है. वहीं रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं में गरज हल्की से मध्यम बारिश होने के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के बहुत सारे जिलों में हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है। वहीं, विगत 24 घंटों के दौरान राज्य के उज्जैन, ग्वालियर , चंबल एवं जबलपुर संभागों के जनपदों में कहीं-कहीं बारिश हुई है।

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राजस्थान में मौसम कैसा रहेगा

राजस्थान में फिर से बारिश की संभावना हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह के आखिर तक एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। राजस्थान के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
मिचौंग चक्रवाती तूफान को लेकर कृषकों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है

मिचौंग चक्रवाती तूफान को लेकर कृषकों के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है

मिचौंग चक्रवाती तूफान को लेकर कृषकों के लिए मौसम विभाग ने कुछ सलाह जारी की है। हालांकि, ये सलाह भिन्न-भिन्न राज्यों के कृषकों के लिए अलग-अलग है। यहां आप अपने प्रदेश के हिसाब से जानकारी ले सकते हैं।  चक्रवाती तूफान मिचौंग दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में कहर बरपा रही है। यही कारण है, कि मौसम विभाग ने वर्तमान में इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, 6 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के उत्तरीय तटीय क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हो सकती है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों में भी भारी वर्षा के अनुमान हैं। वहीं, विदर्भ को लेकर मौसम विभाग का कहना है, कि यहां के कुछ क्षेत्रों में मध्यम वर्षा होगी। साथ ही, कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश के अनुमान हैं।

कृषकों के लिए क्या कहा गया है

मिचौंग चक्रवाती तूफान को लेकर कृषकों के लिए मौसम विभाग ने कुछ सलाहें जारी की हैं। मौसम विभाग का कहना है, कि आंध्र प्रदेश के जो भी कृषक हैं वो पके चावल, देर से बोई गई मूंगफली तथा मिर्च की कटाई वर्तमान में बंद कर दें। वहीं, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और ओडिशा के कृषकों को लेकर मौसम विभाग ने कहा कि यहां के कृषक चावल, बाजरा और पके हुए कपास के बीजों को चुनना रोक दें।

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भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इन राज्यों में बढ़ सकता है बारिश और ठंड का प्रकोप बतादें, कि जो फसलें काटी जा चुकी हैं, उनको लेकर मौसम विभाग का कहना है कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रख दें। यदि आपकी फसल खेत है तो उसे तिरपाल से बेहतरीन तरीके से ढक दें। वहीं, जिन पौधों पर फसल अच्छी मात्रा में लगी है उनको तीव्र हवाओं से संरक्षित करने के लिए सपोर्ट दे दें। मुख्य रूप से सब्जियों के पौधों के साथ ऐसा अवश्य करें। यदि ऐसा समय रहते आपने नहीं किया तो ये पौधे नीचे गिर जाएंगे। आपकी फसल को प्रचंड हानि पहुंच सकती है।

आगामी 5 दिनों तक सावधान रहें 

मौसम विभाग ने केरल तथा दक्षिण भारतीय राज्यों के तटीय क्षेत्रों के लिए आने वाले पांच दिनों का पूर्वानुमान लगाया है, कि गरज बिजली के साथ बहुत सारी जगहों पर हल्की वर्षा होगी तो कई स्थानों पर प्रचंड वर्षा होगी। वहीं, पंजाब के क्षेत्रों में घना कोहरा छाए रहने की आशा है। वहीं, मछुआरों को सलाह दी जाती है, कि वो आने वाले पांच दिनों तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी तमिलनाडु-पुडुचेरी के तटों के पास ना जाएं। यहां हालात कभी भी बिगड़ सकती है।
उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव और बारिश की संभावना

उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव और बारिश की संभावना

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कड़कड़ाती सर्दी का मौसम चल रहा है। किसानों को खेती–किसानी में बहुत सारी समस्याएं आती हैं। ऐसी स्थिति में यदि बारिश हो जाए तो ये समस्या और बढ़ जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में आगामी एक–दो दिन में बारिश की संभावना है। अब ऐसे में कृषकों के लिए कुछ खास बातें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगरा, हाथरस, अलीगढ़ और समीपवर्ती हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।


पौधों में रोग ना लगे इसके लिए क्या करें ?

विगत बहुत सारे महीनों से तैयार फसल में कृषकों की काफी लागत और अथक परिश्रम लगी है। अब ऐसी स्थिति में किसान अपनी फसल को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। फसल को बचाने के लिए सबसे आवश्यक है, कि प्रतिदिन खेती की निगरानी की जाए। यदि पौधे के पत्ते में कोई रोग नजर आए, तो तुरंत उखाड़कर जमीन के अंदर दबा दें। यदि अधिक रोग नजर आए तो तुरंत विशेषज्ञों का मशवरा लें और सावधानी के लिए एक फफूंद नाशक का छिड़काव कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब अथवा फिर मेटलैक्सिल और मैंकोजेब का छिड़काव भी कर सकते हैं। 

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आलू की फसल में झुलसा के लिए अनुकूल मौसम है, तो इना फंगीसाइड का 2 ग्राम प्रति लीटर में छिड़काव अवश्य कर दें। अगर सरसों की फसल में सफेद पत्ती धब्बा रोग होता है, तो 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब का छिड़काव करें।


ये काम भूलकर भी ना करें 

अगर आपके इलाके में बारिश होने की संभावना है, तो सिंचाई ना करें। खेत में ज्यादा नमी होने पर सब्जियों वाली फसलों को प्रमुख रूप से नुकसान हो सकता है। वहीं, बहुत सारी बीमारियां लग सकती हैं। बतादें, कि रोगाणु, कीटनाशक अथवा खरपतवार नााशक का छिड़काव सबसे बेहतर है, जब धूप खुली होती है। अगर कोहरा और बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना है तो कीटनाशक छिड़काव से भी बचें। 


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यदि फसल में फूल गए हैं, तो किसी तरह के रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से बचें। किसी भी फसल में फूल रहे हैं। वहां रासायनिक छिड़कावों का उपयोग ना करें। फूल की ग्रोथ (बढ़वार) काफी रुक जाऐगी। फूल झड़ जाऐंगे, जिससे दाने और फल नहीं बन पाऐंगे। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक तरीकों, धुआं, नमी, नीम का तेल और कंडों की राख का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त खेत में मधुमक्खियां पाल रखी हैं और वो उधर आती हैं तो दिन के वक्त रासायनिक छिड़काव नहीं करें वर्ना वो मर जाऐंगे। शाम को मधुमक्खियां छत्तों में लौट आती हैं उस समय इस्तेमाल करें।